बिन पिये नशा हो जाता है जो राधे राधे गाता है

बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है…..
रस पी कर गातो की आधा तो कर,
मेरे बांके बिहारी से वादा तो कर,
फिर खुद चल कर वो आता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन……….
जिसके अंदर मन भाव बड़ा,
वही उची अटारी की सीडी चढ़ा,
उसे गोपी बना लिया जाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन……….
जो रस ना मिले महकाने मे,
मिलता है वो बरसाने मे,
फिर और कही ना जाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन………
बरसाना मेरा रंगीला है,
सब राधा नाम की लीला है,
भगवान भी चरण दबाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन……….