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मैंने सब कुछ पाया दाती

मैंने, सब कुछ पाया दाती,
तेरा दर्शन पाना, बाकी है ll
*मेरे, घर में कोई कमी नहीं ll,
बस तेरा आना, बाकी है
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,

जो, मेरे घर में, आओ माँ,
”मेरा घर तीर्थ, बन जाएगा” l
मैं, भी तर जाऊँगा मईया,
”जो आएगा, तर जायेगा” l
इज़्ज़त शोहरत, दौलत तो मिली,
मेहरों का खज़ाना, बाकी है l
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,

हर मुराद, पूरी होती है,
”माँ तेरे ही दरबार में” l
तेरे दर जैसा, नहीं देखा,
”दर कोई, संसार में” l
दर दर की ठोकर, खाईं है,
बस तेरा ठिकाना, बाकी है l
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,

भक्त तेरे, भोले भाले,
”माँ तेरे, शुक्र गुज़ार हैं” l
तेरी, कृपा से, सब को मिली,
”माँ खुशियाँ, अपरम्पार हैं” l
तर गएँ लाखों, माँ भक्त तेरे,
सेवादार दीवाना, बाकी है l
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,

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