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मन के बहकावे में ना आ मन

मन के बहकावे में ना आ
मन राह भुलाये भ्रह्म में डाले,
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले,
तू इस मन…..

जूठी काया जूठी माया,
जूठा जग सब ध्यान हटाले,
पल भर के सब संगी साथी,
एक ईश्वर का नाम रटाले,
तू इस मन…….

सुख- दुःख हे सब मन के खिलोने,
इस मन को तू आज बताले,
खोया न रे वस् मन के भरोसे,
विषियो से वैराग करा ले,
तू इस मन…..

मन के चलत हे जो भी प्राणी,
अंत समय सब दुःख ही पाते,
ऐसा सतगुरु मन के बनाले,
जो आवा गमन सब आप,
तू इस मन…..

भ्रह्म का ध्यान पड़े मन के जब,
बुद्धि चित प्रभु प्रेम जगाले,
धरम तंवर ये कहते हे भाई,
मन की चाल समज नी पाई,
तू इस मन…….