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पलकों का घर तयार संवारे

मेरी अखियाँ करे इन्तजार संवारे,
पलकों का घर तयार संवारे,

आँखों के अशुवन जल से तेरे चरण पखारू गा मैं,
पलकों की कंधी से तेरे बाल सवारू गा मैं,
मौका सेवा का दे एक बार संवारे,
पलकों का घर तयार संवारे,

पुतली के दरबाजे उपर पलकों का है पहरा,
प्रेम है निस्वार्थ है हमारा सागर सा है गहरा,
हम तेरे हुए तलब गार संवारे,
पलकों का घर तयार संवारे,

बड़े भाव से बड़े चाव से तेरा लाड करे गये,
जहा रखो गे कदम कन्हिया वाही पे हाथ रखे गये,
ख्वाइश पूरी करो एक बार संवारे,
पलकों का घर तयार संवारे,

महलो जैसे ठाट नही घर देखने तो आओ,
रहना ना चाहो कम से कम आजमाने तो आयो,
मोहित दिल से करे मनो हार संवारे,
पलकों का घर तयार संवारे,

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