सज धज कर जिस दिन मौत
सज धज कर जिस दिन मौत की सहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी,
सज धज कर जिस दिन मौत की सहजादी आएगी,
छोटा सा तू कितने बड़े अरमान है तेरे,
मिटी का तू सोने के सब समान है तेरे,
मिटी की काया मिटी में एक दिन समायेगी,
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी,
अच्छे किये तूने कर्म तो पाया मानव तन,
अब पाप में क्यों डूबा तेरा ये मन,
ये पाप की नैया तुझे एक दिन डुबोये गी,
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी,
पर खोल ले पंक्षी तू पिंजरा तोड़ के उड़ जा,
माया महल के सारे बंधन तोड़ के उड़ जा,
कण कण में जिस दिन मौत तेरी गन गुनाये गी,
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी,