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सवारियां तू आजा

सवारियां तू आजा ॥॥

आजा कन्हैया तेरी राधा है बुलाये मुझे क्यू तड़पाये हर पल तेरी याद सताये के छम छम रोय े राधा taye

सवारियां तू आजा…

याद ना मेरी आई…।॥हुई क्या बात कहाँ गये वो वादे किये थे जो मेरे साथ

मन मेरा डोले कृष्णा कृष्णा बोले

आती है याद मुझे तेरी मीठी बाते बीते दिन बीती राते तेरी याद को मन मे बसाये के छम छम रोये- राधा

तेरे बिना रे कान्हा -3 हुआ क्या हाल मथुरा मे जा के भुला दिया मेरा ख्याल

विनती सुन तू आजा मुझको झलक दिखाजा ॥

गोकुल की तूने याद भुलाई मेरे कृष्ण कान्हाई निकला है तू हरजाई के भूल गया तू… वादा

सवारियां तू आजा…

विरहा की आग लगा के ।॥ चला गया तू इतना मुझे बतलाना के क्या था मेरा कसूर

रोती है ये साखियां भर भर के ये अंखिया

शुबहा सवेरे तेरी राह निहारु तू यमुना किनारे आजा औ शाम प्यारे

ज़रा फूल सा मुखड़ा…दिखाजा

सवारियां तू आजा…।॥

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