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सुनी है गोकुल नगरिया

सुनी है गोकुल नगरिया,
आजा आजा सावरिया,

बरसाने में रसिक बुलाये,
ग्वाल बाल सब मिल जुल आये,
सखिया देखे डगरिया,
आजा आजा सावरिया,
सुनी है…….

ऐसी प्रीत लगी मनमोहन,
तेरे बिन सखी हो गयी जोगन,
ढूंढे नगर और नगरिया,
आजा आजा सावरिया,
सुनी है……

वृन्दावन के तुम हो राजा,
भगतो को अब दरश दिखाजा,
आके बजाजा मुरलिया,
आजा आजा सावरिया,
सुनी है…….

ब्रिज नगरी की सब नर नारी,
देखे भगत रास्ता तिहारी,
तुझे ढूंढे गुजरिया,
आजा आजा सावरिया,
सुनी है……

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