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वृंदावन में हुकुम चले

वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा प्यारी का,

कोई नन्दलाल कहता है कोई गोपाल कहता है,
कोई कहता कन्हिया है कोई बंसी बजैया है,
नाम बदल के रख डाला उस कृष्ण मुरारी का,
कान्हा भी दीवाना है श्री राधे रानी का,

सभी को कहते देखा है बड़ी सरकार है राधे,
लगे गा पार भाव संसार कहे एक बार श्री राधे,
बड़ा गजब का रुतबा है उसकी सरकारी का,
कान्हा भी दीवाना है श्री राधे रानी का,

तमशा एक बदलाये ज़रा बनवारी तू सुन ले,
राधा से मिलने की खातिर श्याम बेश है बदले,
कभी चूड़ी वाले का कभी पुजारी का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा प्यारी का,

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