श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मैं
नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐह विभीषण ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं...
October 13, 2024
एक भक्त का प्रयास भक्तो के लिए
नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐह विभीषण ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं...